फिल्म ‘मोम की गुड़िया’ के हीरो रतन उर्फ रवि चोपड़ा का निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार की रात पंजाब के मलेर कोटला में अपने पुस्तैनी घर पर अंतिम सांस ली। वह काफी लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी मौत की पुष्टि उनकी गोद ली हुई बेटी अनीता ने की है।
इलाज के लिए उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह किसी भी अच्छे अस्पताल में अपना इलाज करा सके। वह इतनी गरीबी से जूझ रहे थे कि दो वक्त की रोटी के लिए भी कभी गुरुद्वारा तो कभी मंदिरों में लगने वाले लंगर पर निर्भर रहा करते थे। वह पिछले काफी समय से पंचकूला के सेक्टर- 26 में किराये के मकान में रह रहे थे।
रतन उर्फ रवि चोपड़ा का वास्तविक नाम अब्दुल जब्बार खान था। 1972 में आई फिल्म ‘मोम की गुड़िया’ में उन्होंने फिल्म अभिनेत्री तनूजा के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म को करने के बाद उनके पास लोफर, आया सावन झूम के और जुगनू जैसी लगभग 10 फिल्मों के ऑफर आए थे जिनमें बाद में अभिनेता धर्मेंद्र ने काम किया था।
जब फिल्मों के लिए मना करने को लेकर निर्माताओं और निर्दशकों ने उनसे पूछा तो वह सिर्फ एक ही जवाब देते थे कि फिल्म में काम करने की जानकारी उन्होंने अपने घर वालों को नहीं दी है। जैसे ही फिल्म रिलीज हुई, तो उनकी दादी नाराज हो गईं और उन्होंने फिल्मों में काम करने से मना कर दिया।